कैसे Rich Dad Poor Dad ने मेरी आर्थिक स्थिति बदल दी: जानें ये 24 अमूल्य सबक!

Rich Dad Poor Dad परिचय

नमस्कार दोस्तो आज हम पढ़ेंगे Rich Dad Poor Dad की बुक Summary तो चलिए फिर शुरू करते है–”Rich Dad Poor Dad” रॉबर्ट कियोसाकी द्वारा लिखी गई एक महत्वपूर्ण वित्तीय शिक्षा पुस्तक (Financial education book) है। इस पुस्तक में लेखक ने दो अलग-अलग दृष्टिकोणों (Viewpoints) को पेश किया है: अपने गरीब पिता (जिन्हें वह ‘गरीब पिता’ कहते हैं) और अपने दोस्त के पिता (जिन्हें वह ‘अमीर पिता’ कहते हैं)। गरीब पिता एक उच्च शिक्षित व्यक्ति थे, जो वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे थे, जबकि अमीर पिता औपचारिक शिक्षा के बिना ही सफल व्यवसायी थे। कियोसाकी ने इन दोनों के अनुभवों और सीखों को साझा किया है, ताकि पाठक (Readers) वित्तीय स्वतंत्रता (Financial Freedom) प्राप्त कर सकें।

Rich Dad Poor Dad
कैसे Rich Dad Poor Dad ने मेरी आर्थिक स्थिति बदल दी: जानें ये 24 अमूल्य सबक!

भाग 1: अमीर और गरीब के बीच का अंतर Rich Dad Poor Dad

रॉबर्ट कियोसाकी बताते हैं कि गरीब और मध्यम वर्ग पैसे के लिए काम करते हैं, जबकि अमीर लोग पैसे को अपने लिए काम करवाते हैं। गरीब और मध्यम वर्ग (middle class) अपने खर्चे बढ़ाते रहते हैं, जिससे उनके पास निवेश (Investment) के लिए पैसे नहीं बचते।

Example के लिए, एक व्यक्ति जो नौकरी करता है, उसे अपनी आय (income) से अपनी सभी जरूरतें पूरी करनी होती हैं। जैसे-जैसे उसकी आय बढ़ती है, वैसे-वैसे उसके खर्च भी बढ़ जाते हैं। जबकि अमीर लोग अपनी आय का बड़ा हिस्सा निवेश में लगाते हैं, जिससे उन्हें दीर्घकालिक वित्तीय लाभ (Long term financial benefits) प्राप्त होता है।

भाग 2: वित्तीय शिक्षा का महत्व (importance of financial education)

अमीर पिता का मानना था कि वित्तीय शिक्षा का ज्ञान किसी भी औपचारिक शिक्षा (formal education) से अधिक महत्वपूर्ण है। स्कूल हमें ज्यादातर अकादमिक और पेशेवर ज्ञान (academic and professional knowledge) देते हैं, लेकिन वित्तीय ज्ञान (Financial education) नहीं। कियोसाकी बताते हैं कि वित्तीय स्वतंत्रता पाने के लिए लोगों को वित्तीय साक्षरता, निवेश, और बाजार (Literacy, investment, and markets) की गतिशीलता को समझना चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि एक व्यक्ति को यह समझ हो कि स्टॉक्स, बॉन्ड्स, रियल एस्टेट आदि में कैसे निवेश किया जाए, तो वह अपने पैसे को बढ़ा सकता है और वित्तीय सुरक्षा प्राप्त कर सकता है।

भाग 3: संपत्ति और देनदारी को समझना (Understanding Assets and Liabilities)

कियोसाकी ने स्पष्ट किया है कि संपत्ति और देनदारी के बीच का अंतर समझना महत्वपूर्ण है। संपत्ति वह है जो आपकी जेब में पैसे डालती है, जबकि देनदारी वह है जो आपकी जेब से पैसे निकालती है। उदाहरण के लिए, एक घर यदि वह किराए पर दिया गया है और उससे आय हो रही है, तो वह संपत्ति है। लेकिन यदि वह केवल खर्चे बढ़ा रहा है, तो वह देनदारी है।

उदाहरण: राम के पास एक घर है जिसे उसने किराए पर दिया हुआ है। हर महीने राम को किराए के रूप में 20,000 रुपये मिलते हैं। यह घर राम के लिए संपत्ति है क्योंकि यह उसकी जेब में पैसे डाल रहा है। वहीं, श्याम के पास एक बड़ा घर है जिसमें वह खुद रहता है और हर महीने उसके मेंटेनेंस में 10,000 रुपये खर्च होते हैं। यह घर श्याम के लिए देनदारी है क्योंकि यह उसकी जेब से पैसे निकाल रहा है।

भाग 4: व्यवसाय और नौकरी के बीच का अंतर Rich Dad Poor Dad

अमीर पिता ने कियोसाकी को सिखाया कि नौकरी हमें अल्पकालिक सुरक्षा दे सकती है, लेकिन व्यवसाय और निवेश हमें दीर्घकालिक वित्तीय स्वतंत्रता दे सकते हैं। अमीर लोग अपने पैसे को ऐसे कामों में लगाते हैं, जो समय के साथ बढ़ते रहते हैं, जैसे कि रियल एस्टेट, स्टॉक्स, और बिजनेस वेंचर्स।

उदाहरण: सुरेश एक अच्छी नौकरी करता है और हर महीने 50,000 रुपये कमाता है। लेकिन यदि वह बीमार हो जाए या नौकरी चली जाए, तो उसकी आय बंद हो जाएगी। वहीं, रमेश ने अपने पैसों से एक छोटा व्यवसाय शुरू किया और उसमें निवेश किया। अब उसका व्यवसाय अच्छा चल रहा है और उसे हर महीने 1,00,000 रुपये का लाभ होता है। यदि रमेश बीमार भी हो जाए, तो भी उसका व्यवसाय चलता रहेगा और उसकी आय बनी रहेगी।

भाग 5: करों और कॉर्पोरेशनों की समझ (Understanding Taxes and Corporations)

कियोसाकी ने बताया कि अमीर लोग करों और कॉर्पोरेशनों के लाभ का उपयोग कैसे करते हैं। अमीर लोग कॉर्पोरेशनों के माध्यम से अपने खर्चे कम करते हैं और टैक्स लाभ प्राप्त करते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति टैक्स नियमों को समझें और उनका सर्वोत्तम उपयोग करें।

उदाहरण: एक कॉर्पोरेशन के मालिक के रूप में, मोहन अपने बिजनेस के खर्चों को टैक्स के पहले निकाल सकता है। इसका मतलब है कि उसके व्यवसाय के खर्च (जैसे कि ऑफिस का किराया, यात्रा खर्च, आदि) उसकी कुल आय से पहले घटा दिए जाते हैं, जिससे उसकी टैक्सेबल आय कम हो जाती है। वहीं, एक कर्मचारी के रूप में, सोहन को पहले अपनी पूरी आय पर टैक्स देना पड़ता है और फिर बाकी बचे पैसे से अपने खर्च पूरे करने पड़ते हैं।

भाग 6: अमीर बनने की सोच Rich Dad Poor Dad

अमीर बनने के लिए सोच बदलना बहुत जरूरी है। कियोसाकी बताते हैं कि गरीबी एक मानसिक स्थिति है, और इसे बदलने के लिए सोच बदलनी होगी। हमें यह समझना होगा कि हर मुश्किल में अवसर छिपा होता है। सकारात्मक सोच और खुद पर विश्वास करना बहुत जरूरी है।

उदाहरण: गीता ने अपने जीवन में कई बार असफलता का सामना किया, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। उसने हर असफलता से कुछ सीखा और अपने अनुभवों से आगे बढ़ी। अंततः उसने एक सफल व्यवसाय खड़ा किया और अब वह एक सफल उद्यमी है। वहीं, रीता ने अपनी असफलताओं से निराश होकर प्रयास करना छोड़ दिया और अब भी वित्तीय समस्याओं से जूझ रही है।

भाग 7: निवेश के अवसरों की पहचान (Identification of investment opportunities)

कियोसाकी ने बताया कि निवेश के अच्छे अवसरों की पहचान करना बहुत महत्वपूर्ण है। हमें अपनी आँखें और कान खुले रखने चाहिए और अपने चारों ओर के निवेश के अवसरों की पहचान करनी चाहिए। यह जमीन-जायदाद, स्टॉक्स, या कोई नया व्यवसाय हो सकता है।

उदाहरण: रोहित ने अपने दोस्त के साथ एक नया स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया। उसने अपने कुछ पैसों को इस स्टार्टअप में निवेश किया और उसे समय के साथ बढ़ते हुए देखा। अब उसका स्टार्टअप एक सफल कंपनी बन गई है और उसने कई गुना रिटर्न प्राप्त किया है। वहीं, मोहित ने अपने पैसों को केवल बैंक में जमा रखा और उसे कोई खास लाभ नहीं हुआ।

भाग 8: सफलता के लिए काम करने की प्रेरणा Rich Dad Poor Dad

अमीर पिता ने कियोसाकी को यह सिखाया कि हमें अपनी सफलता के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। हमें केवल पैसे के लिए काम नहीं करना चाहिए, बल्कि सीखने और बढ़ने के लिए काम करना चाहिए। हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए और उन्हें सुधारने का प्रयास करना चाहिए।

उदाहरण: सीता ने एक नई नौकरी शुरू की और हर दिन कुछ नया सीखने का प्रयास किया। उसने अपने कौशल को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कोर्स किए और अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त की। जल्द ही उसे प्रमोशन मिला और उसकी आय बढ़ गई। वहीं, गीता ने अपनी नौकरी में केवल अपनी ड्यूटी पूरी करने पर ध्यान केंद्रित किया और उसने अपनी स्किल्स को बढ़ाने का प्रयास नहीं किया। नतीजतन, उसकी ग्रोथ धीमी रही।

Rich Dad Poor Dad Conclusion

“Rich Dad Poor Dad” हमें वित्तीय स्वतंत्रता की राह दिखाती है। यह पुस्तक हमें सिखाती है कि हमें पैसों के लिए नहीं, बल्कि पैसे को हमारे लिए काम करने देना चाहिए। वित्तीय शिक्षा, संपत्ति और देनदारी की समझ, करों और कॉर्पोरेशनों का ज्ञान, और सकारात्मक सोच हमें वित्तीय सफलता की ओर ले जा सकते हैं। कियोसाकी के अनुसार, अमीर बनने के लिए हमें अपनी सोच बदलनी होगी और सही दिशा में मेहनत करनी होगी।

यह पुस्तक हर उस व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है जो वित्तीय स्वतंत्रता पाना चाहता है और अपने जीवन में आर्थिक स्थिरता और सफलता प्राप्त करना चाहता है। पुस्तक हमें यह सिखाती है कि हमें अपने पैसों का बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए और निवेश के माध्यम से अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करना चाहिए।

भाग 9: वित्तीय स्वतंत्रता और निवेश के लिए योजना बनाना (Planning for Financial Freedom and Investments)

वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए, हमें अपनी वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करना और एक मजबूत योजना बनानी चाहिए। इसमें हमारे मौजूदा आय, खर्च, बचत, और निवेश को ध्यान में रखना चाहिए।

उदाहरण: राहुल ने अपने खर्चों का एक विस्तृत रिकॉर्ड बनाना शुरू किया और पाया कि वह हर महीने अनावश्यक चीजों पर बहुत पैसा खर्च कर रहा था। उसने अपने खर्चों को कम किया और जो पैसे बचे, उन्हें म्यूचुअल फंड और स्टॉक्स में निवेश किया। कुछ वर्षों में, उसने एक अच्छा पोर्टफोलियो बना लिया जो उसे नियमित आय प्रदान कर रहा है।

भाग 10: जोखिम उठाने की हिम्मत

कियोसाकी बताते हैं कि अमीर बनने के लिए हमें जोखिम उठाने की हिम्मत होनी चाहिए। सभी निवेश जोखिम से भरे होते हैं, लेकिन सही ज्ञान और योजना से हम इन जोखिमों को कम कर सकते हैं और लाभ कमा सकते हैं।

उदाहरण: नीला ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में निवेश किया। यह एक बड़ा जोखिम था, लेकिन उसने प्रोजेक्ट के हर पहलू का गहन अध्ययन किया और यह सुनिश्चित किया कि उसका निवेश सुरक्षित रहे। कुछ समय बाद, प्रोजेक्ट सफल हुआ और नीला ने अपने निवेश पर कई गुना रिटर्न प्राप्त किया।

भाग 11: अपने खर्चों को नियंत्रित करना

वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए, हमें अपने खर्चों को नियंत्रित करना और बचत को प्राथमिकता देना सीखना चाहिए।

उदाहरण: अनिता ने अपने खर्चों का एक बजट तैयार किया और उसे सख्ती से पालन किया। उसने अनावश्यक खर्चों को कम किया और जो पैसे बचे, उन्हें एक आपातकालीन फंड में जमा किया। कुछ वर्षों में, उसके पास एक पर्याप्त आपातकालीन फंड बन गया और वह अब किसी भी वित्तीय संकट से निपटने के लिए तैयार है।

भाग 12: वित्तीय लक्ष्यों की स्थापना (setting financial goals)

कियोसाकी बताते हैं कि हमें अपने वित्तीय लक्ष्यों की स्पष्ट रूप से स्थापना करनी चाहिए और उन्हें प्राप्त करने के लिए योजना बनानी चाहिए।

उदाहरण: संजय और सीमा ने अपने भविष्य के लिए वित्तीय लक्ष्य निर्धारित किए। उन्होंने तय किया कि वे अगले पांच वर्षों में एक घर खरीदेंगे और अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एक फंड बनाएंगे। उन्होंने अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक विस्तृत योजना बनाई और नियमित रूप से अपने निवेश को ट्रैक किया। कुछ वर्षों में, उन्होंने अपने लक्ष्यों को हासिल कर लिया।

Rich Dad Poor Dad
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भाग 13: पैसों के लिए काम करना और पैसे को अपने लिए काम करवाना

कियोसाकी कहते हैं कि हमें पैसों के लिए काम करने की बजाय, पैसे को हमारे लिए काम करवाने की कोशिश करनी चाहिए।

उदाहरण: कविता ने अपनी नौकरी से प्राप्त आय का एक हिस्सा एक रेंटल प्रॉपर्टी में निवेश किया। अब वह प्रॉपर्टी से हर महीने किराए के रूप में एक नियमित आय प्राप्त कर रही है। इस तरह, उसने अपने पैसे को अपने लिए काम पर लगाया और अपनी आय का एक अतिरिक्त स्रोत बना लिया।

भाग 14: नेटवर्किंग और संबंधों का महत्व (Importance of networking and relationships)

कियोसाकी बताते हैं कि हमारे संबंध और नेटवर्किंग हमारे वित्तीय सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सही लोगों के साथ संबंध बनाना और उन्हें बनाए रखना हमें बेहतर अवसर प्रदान कर सकता है।

उदाहरण: राजेश ने अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए उद्योग के अनुभवी लोगों से संबंध बनाए। उसने विभिन्न व्यापारिक सम्मेलनों और मीटिंग्स में भाग लिया और वहां से कई महत्वपूर्ण कनेक्शन्स बनाए। इन संबंधों के कारण, उसे नए बिजनेस पार्टनर मिले और उसका व्यवसाय तेजी से बढ़ा।

भाग 15: निवेश में विविधता लाना (Diversifying investments)

कियोसाकी ने बताया कि हमें अपने निवेश को विभिन्न क्षेत्रों में बांटना चाहिए ताकि जोखिम कम हो सके और रिटर्न की संभावना बढ़ सके।

उदाहरण: नरेश ने अपने निवेश को केवल स्टॉक्स तक सीमित नहीं रखा। उसने कुछ पैसे म्यूचुअल फंड्स, कुछ रियल एस्टेट, और कुछ गोल्ड में निवेश किए। इससे उसे किसी एक क्षेत्र में नुकसान होने पर भी कुल मिलाकर अच्छा रिटर्न मिलता रहा।

Rich Dad Poor Dad Conclusion

“Rich Dad Poor Dad” हमें वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में एक स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करती है। यह पुस्तक हमें सिखाती है कि वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हमें सही मानसिकता, ज्ञान, और योजना की आवश्यकता होती है। हमें पैसों के लिए काम करने की बजाय पैसे को हमारे लिए काम करने देना चाहिए। इसके लिए हमें अपनी वित्तीय शिक्षा बढ़ानी चाहिए, अपने खर्चों को नियंत्रित करना चाहिए, और निवेश के सही अवसरों की पहचान करनी चाहिए।

कियोसाकी के अनुसार, अमीर बनने के लिए हमें अपनी सोच बदलनी होगी और सही दिशा में मेहनत करनी होगी। हमें अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित करना चाहिए और उन्हें प्राप्त करने के लिए एक मजबूत योजना बनानी चाहिए। इसके अलावा, हमें जोखिम उठाने की हिम्मत होनी चाहिए और अपने निवेश को विविधता लानी चाहिए ताकि हमारे वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाया जा सके।

“Rich Dad Poor Dad” एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जो हमें वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए आवश्यक सिद्धांतों और रणनीतियों को समझने में मदद करती है। यह पुस्तक हमें वित्तीय सुरक्षा और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है।

भाग 16: वित्तीय आत्मनिर्भरता (Financial freedom)

वित्तीय आत्मनिर्भरता का मतलब है कि हमें अपनी आर्थिक जरूरतों के लिए किसी और पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके लिए हमें अपने वित्तीय संसाधनों का सही उपयोग करना आना चाहिए।

उदाहरण: प्रिया ने अपनी नौकरी के साथ-साथ एक ऑनलाइन व्यापार भी शुरू किया। उसने अपने व्यापार से होने वाली आय को निवेश में लगाया और धीरे-धीरे उसने इतनी संपत्ति बना ली कि वह अपनी नौकरी छोड़ कर पूरी तरह से अपने व्यापार पर ध्यान केंद्रित कर सकी। अब प्रिया आत्मनिर्भर हो गई है और उसे किसी और पर निर्भर नहीं रहना पड़ता।

भाग 17: अपने वित्तीय सलाहकार का चयन (Choosing Your Financial Advisor)

कियोसाकी बताते हैं कि हमें सही वित्तीय सलाहकार का चयन करना चाहिए। एक अच्छा वित्तीय सलाहकार हमारे पैसे को सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है।

उदाहरण: अजय ने एक वित्तीय सलाहकार की मदद से अपने निवेश पोर्टफोलियो को व्यवस्थित किया। सलाहकार ने उसे सही निवेश योजनाओं का सुझाव दिया और उसे समय-समय पर अपने निवेश को पुनः मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित किया। इसके परिणामस्वरूप, अजय को अपने निवेश पर अच्छे रिटर्न मिले।

भाग 18: गलतियों से सीखना

कियोसाकी कहते हैं कि हमें अपनी गलतियों से सीखना चाहिए। हर गलती हमें कुछ नया सिखाती है और हमें भविष्य में बेहतर निर्णय लेने के लिए तैयार करती है।

उदाहरण: नीलम ने अपनी पहली निवेश योजना में कुछ गलतियाँ कीं और उसे नुकसान हुआ। लेकिन उसने हार नहीं मानी और अपनी गलतियों से सीखते हुए अगली बार बेहतर निर्णय लिए। इससे उसे अच्छे लाभ मिले और उसका आत्मविश्वास बढ़ा।

भाग 19: बच्चों को वित्तीय शिक्षा देना (Giving financial education to children)

कियोसाकी ने बताया कि हमें अपने बच्चों को भी वित्तीय शिक्षा देनी चाहिए। इससे वे भविष्य में अपने पैसे का सही उपयोग करना सीख सकेंगे और वित्तीय दृष्टिकोण से मजबूत बन सकेंगे।

उदाहरण: राधा ने अपने बच्चों को बचपन से ही पैसे की अहमियत सिखाई। उसने उन्हें जेब खर्च दिया और उन्हें अपने खर्चों का हिसाब रखने के लिए कहा। उसने उन्हें छोटी-छोटी बचत योजनाओं के बारे में बताया और निवेश के बारे में सिखाया। इससे उसके बच्चे आर्थिक रूप से समझदार बन गए और उन्हें भविष्य में वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद मिली।

भाग 20: व्यावसायिक अवसरों की पहचान (Identification of business opportunities)

कियोसाकी बताते हैं कि हमें अपने आस-पास के व्यावसायिक अवसरों की पहचान करनी चाहिए। यह नए व्यवसाय शुरू करने या मौजूदा व्यवसायों को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।

उदाहरण: सुरभि ने देखा कि उसके शहर में जैविक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ रही है। उसने इस अवसर को पहचाना और एक जैविक खाद्य स्टोर खोल दिया। यह व्यवसाय तेजी से बढ़ा और अब सुरभि एक सफल उद्यमी है।

भाग 21: मनी मैनेजमेंट के 5 सिद्धांत (5 Principles of money management)

  1. आय से अधिक खर्च न करें: हमेशा अपनी आय से कम खर्च करें और बचत को प्राथमिकता दें। उदाहरण: रवि ने अपनी आय का 20% हर महीने बचत के रूप में जमा करना शुरू किया। इससे उसने आपातकालीन स्थितियों के लिए एक अच्छा फंड बना लिया।
  2. आपातकालीन फंड बनाएं: किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए एक फंड तैयार रखें जो कम से कम 3-6 महीने के खर्च को कवर कर सके। उदाहरण: सीमा ने अपनी बचत का एक हिस्सा आपातकालीन फंड में रखा। एक बार जब उसकी नौकरी चली गई, तब इस फंड ने उसे वित्तीय संकट से उबरने में मदद की।
  3. लंबी अवधि के लिए निवेश करें: अपने भविष्य के लक्ष्यों के लिए लंबी अवधि के निवेश योजनाएं बनाएं। उदाहरण: अनिल ने अपने बच्चों की उच्च शिक्षा और अपनी सेवानिवृत्ति के लिए लंबी अवधि के निवेश योजनाएं बनाईं। इससे उसने समय के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया।
  4. विविधता लाएं: अपने निवेश को विभिन्न परिसंपत्तियों में विभाजित करें ताकि जोखिम कम हो सके। उदाहरण: सुरेश ने अपने निवेश को रियल एस्टेट, स्टॉक्स, और म्यूचुअल फंड्स में विभाजित किया। इससे उसे किसी एक क्षेत्र में नुकसान होने पर भी कुल मिलाकर अच्छा रिटर्न मिलता रहा।
  5. वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा दें: वित्तीय ज्ञान को बढ़ाने के लिए समय और पैसा निवेश करें। उदाहरण: मीना ने वित्तीय शिक्षा से संबंधित किताबें पढ़ीं और ऑनलाइन कोर्स किए। इससे उसने अपने पैसे का बेहतर प्रबंधन करना सीखा और अपने निवेश पर अच्छे लाभ प्राप्त किए।

भाग 22: संपत्ति और देनदारी की जाल से बचें (Avoid the asset and liability trap)

लेखक बताते हैं कि हमें संपत्ति और देनदारी के जाल से बचना चाहिए। हमें यह समझना चाहिए कि कौन सी चीजें हमारी संपत्ति (asset) बढ़ा सकती हैं और कौन सी चीजें हमारी देनदारी (liability) बढ़ा सकती हैं।

उदाहरण: दीपक ने एक महंगी कार खरीदी जो उसकी आय का बड़ा हिस्सा खर्च कर रही थी। उसने समझा कि यह कार उसकी देनदारी है। उसने कार को बेचकर एक निवेश योजना में पैसा लगाया, जो उसकी संपत्ति बढ़ा रही है।

भाग 23: अनुशासन और धैर्य (Discipline and patience)

Author बताते हैं कि वित्तीय सफलता के लिए अनुशासन और धैर्य बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें अपने वित्तीय लक्ष्यों के प्रति समर्पित (Dedicated) रहना चाहिए और धैर्यपूर्वक इंतजार करना चाहिए।

उदाहरण: पवन ने एक लंबी अवधि की निवेश योजना बनाई और उसे सख्ती से पालन किया। उसने धैर्यपूर्वक इंतजार किया और समय के साथ उसके निवेश ने अच्छे रिटर्न दिए। आज वह वित्तीय रूप से स्वतंत्र है।

भाग 24: सफलता की निरंतरता (continuation of success)

वित्तीय सफलता (Financial Success) प्राप्त करने के बाद भी हमें अपनी योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन (revaluation )करते रहना चाहिए और नई योजनाएं बनानी चाहिए।

Example – रितेश ने अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के बाद भी अपने निवेश को पुनः मूल्यांकन किया और नई योजनाएं बनाईं। इससे वह लगातार अपने वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूत बनाए रखने में सफल रहा।

Rich Dad Poor Dad Conclusion

Rich Dad Poor Dad हमें वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में प्रेरित करती है। यह पुस्तक हमें सिखाती है कि हमें पैसे को हमारे लिए काम करने देना चाहिए, न कि पैसों के लिए काम करना चाहिए। सही वित्तीय शिक्षा, अनुशासन, धैर्य, और सही निवेश की मदद से हम वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त कर सकते हैं।

यह पुस्तक हमें यह समझने में मदद करती है कि वित्तीय स्वतंत्रता केवल अमीर बनने से नहीं, बल्कि सही मानसिकता और ज्ञान से प्राप्त होती है। हमें अपनी सोच को बदलना होगा, सही अवसरों की पहचान करनी होगी और अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मेहनत करनी होगी। Rich Dad Poor Dad हर उस व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है जो वित्तीय सफलता और स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहता है।

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